• Home
  • About Us
  • Contact Us
  • MP Info RSS Feed
CG Samay
  • Home
  • देश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
    • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
  • छत्तीसगढ़
    • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
  • धर्म
  • अन्य खबरें
    • तकनीकी
    • करियर
  • हमारे बारे में
  • हमसे संपर्क करें
No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
    • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
  • छत्तीसगढ़
    • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
  • धर्म
  • अन्य खबरें
    • तकनीकी
    • करियर
  • हमारे बारे में
  • हमसे संपर्क करें
No Result
View All Result
CG Samay
No Result
View All Result
Home राज्य छत्तीसगढ़

23 जून पुण्यतिथि पर विशेष : देश की अखंडता के लिए आजीवन लड़ते रहे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

News Desk by News Desk
June 22, 2025
in छत्तीसगढ़, राज्य
0
23 जून पुण्यतिथि पर विशेष : देश की अखंडता के लिए आजीवन लड़ते रहे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

 23 जून पुण्यतिथि पर विशेष : देश की अखंडता के लिए आजीवन लड़ते रहे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

एक निशान एक संविधान और एक प्रधान का नारा डॉ. मुखर्जी ने दिया

रायपुर

लम्हों ने खता की और सदियों ने सजा पाई ऐसे में बरबस डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पुण्य स्मरण हो जाता है जिन्होंने कश्मीर को भारत का अखंड अंग बनाने की पुरजोर वकालत की थी और उसके लिए अपने प्राणों का शेख अब्दुला की जेल में उत्सर्ग कर दिया। डॉ. श्यामा प्रसाद का बलिदान आज इतिहास के पन्नों पर दर्ज है। जम्मू-कश्मीर जो भारत का मुकुट और दुनिया की जन्नत रही है आज उग्रवाद आतंकवाद के कारण लहुलुहान है। डॉ. मुखर्जी पहले व्यक्ति थे जिन्होंने यह कल्पना की थी कि विभाजन की पीड़ा नासूर बनेगी फिर तुष्टिकरण की नीति का अंत नहीं होगा। एक निशान एक संविधान और एक प्रधानमंत्री का नारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिया। भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते थे। यह जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता था। जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 और 35ए द्वारा दिए गए विशेष दर्जे को हटाने के लिए भारतीय संसद ने 5 अगस्त, 2019 को मंजूरी दी।

राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के शिल्पी डॉ. मुखर्जी की अनन्य राष्ट्र भक्ति की गौरव गाथा ऐतिहासिक है। उनकी जिद के कारण पाकिस्तान के रूप में संपूर्ण पंजाब और बंगाल तश्तरी में भेंट नहीं किया जा सका। लेकिन जम्मू कश्मीर को दोहरे मापदण्डों में लाकर भारत और उसके मुकुट प्रदेश को लहुलुहान होने को छोड़ दिया नतीजा आज हमारे सामने है। वे जीवन पर्यन्त जम्मू कश्मीर भारत विलय और अखंडता के लिए संघर्ष करते रहे। भारत के मुकुट प्रदेश जम्मू कश्मीर के मर्म को डॉ. मुखर्जी ने देश की आजादी के दौरान ही समझ लिया था। राष्ट्रीय एकता अखंडता के प्रतीक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई सन 1901 को कलकत्ता के आशुतोष मुखर्जी के यहां हुआ था। भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने शुरू से ही अनुच्छेद 370 का विरोध किया। उन्होंने इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने कहा था कि इससे भारत छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट रहा है। मुखर्जी ने इस कानून के खिलाफ भूख हड़ताल की थी। वो जब इसके खिलाफ आन्दोलन करने के लिए जम्मू-कश्मीर गए तो उन्हें वहां घुसने नहीं दिया गया। वे गिरफ्तार कर लिए गए थे। 23 जून 1953 को हिरासत के दौरान ही उनकी रहस्यमय ढंग से मृत्यु हो गई।

डॉ. श्यामा प्रसाद में बचपन से ही निडरता आज्ञापालन शिक्षण के प्रति गहन रूचि और विलक्षण स्मरण शक्ति देखी जा सकती थी। कई बार अपने स्कूल के गरीब विद्यार्थियों को वे अपनी पुस्तक दे देते थे यह कहकर मुझे सब पाठ याद है। उनका शांत शालीन स्वभाव और कक्षा में प्रथम आने के कारण सभी शिक्षक उन्हें चाहते थे। भवानीपुर इंस्टीट्यूट में उन्होंने शिक्षा ग्रहण की और सन 1917 में प्रथम श्रेणी में मेट्रिक पास हुए। प्रेसीडेंसी कॉलेज में प्रवेश लेकर सेन 1921 में बी ए की पदवी प्राप्त की।

उन्होंने वर्ष 1923 में बांग्ला में एम ए की उपाधि ली और फिर लॉ की भी डिग्री हासिल की। वर्ष 1926 में वे इंग्लैण्ड से बैरिस्टर होकर स्वदेश लौटे। उनकी विद्वता के लिए इतना कहना पर्याप्त होगा कि वे 33 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्व विद्यालय के उप कुलपति पद से सम्मानित किए गए। डॉ. मुखर्जी सन 1942 में बंगाल प्रांत के हक मंत्रीमंडल से इस्तीफा देकर स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में कूद पड़े। ब्रिटिश सरकार ने जब भारत के विभाजन पर प्रस्ताव किया और कांग्रेस ने लीग के उग्रवादी तेवरों के सामने घुटने टेक कर बंगाल और पंजाब प्रदेश पाकिस्तान के रूप में भेंट करने में रजामंदी दिखाई तो डॉ. मुखर्जी ने इसका प्रबल विरोध किया। महात्मा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनुरोध पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी आजाद भारत के पहले केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनने सहमत हो गए। उन्होंने भारी उद्योग मंत्रालय संभाला और चिंतरंजन लोकोमोटिव के निर्माण की आधार शिला रखी लेकिन सरदार पटेल के अवसान के पूर्व तत्कालीन सरकार की तुष्टिकरण नीतियों के कारण मतभेद गहरा हो गया और उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रवादी प्रखर चिंतन की नई दिशा को सार्थक दिशा दी। डॉ. मुखर्जी के उस भाषण पर गौर किए जाने की आवश्यकता है जो उन्होंने 26 जून सन 1952 को संसद में दिया था उन्होंने कहा था जब भारत आजाद है और जम्मू कश्मीर का उसमें संवैधानिक विलय हो चुका है तो जम्मू कश्मीर के जनमानस को वही अधिकार क्यों नहीं जो सारे भारत के नागरिक को दिए गए हैं। एक निशान एक संविधान और एक प्रधानमंत्री का नारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दिया।

     उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर के लिए विशेष धारा 370 स्थायी रूप से नहीं रह सकती है क्योंकि स्थायी होने पर वह क्षेत्रीय अखंडता में बाधक होगी परंतु डॉ. मुखर्जी की दूरदर्शिता लोगों को रास नहीं आयी। डॉ. मुखर्जी मई 1953 को जम्मू कश्मीर में दोहरी राजनैतिक व्यवस्था संवैधानिक विसंगति को दूर करने निकल पड़े। तब जम्मू कश्मीर में प्रवेश के लिए परमिट लेना अनिवार्य था। जनसंघ और उसके संस्थापक डॉ. मुखर्जी को यह बर्दाश्त नहीं था। डॉ. मुखर्जी की बिना परमिट जम्मू कश्मीर यात्रा को समझने तत्कालीन विसंगतियां समझी जा सकती है।

जम्मू कश्मीर में प्रजा परिषद के आंदोलन को गति देने और दोहरी व्यवस्था समाप्त करने की खातिर डॉ मुखर्जी ने अपनी यात्रा को दृढ़तापूर्वक जारी रखा उन्हें पंजाब सीमा पर गिरफ्तार नहीं किया गया। जम्मू जाने दिया गया और माधोपुर पर रावी नदी का पुल पार करते ही डॉ. मुखर्जी को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार कर श्रीनगर में निरुद्ध कर लिया। यदि उन्हें पंजाब सीमा पर बंदी बनाया जाता हो उन्हें मुक्त कराने के लिए जनता द्वारा आवाज उठायी जा सकती थी दोहरी शासन व्यवस्था के कारण जम्मू कश्मीर में गिरफ्तार कर लिया गया। राष्ट्रवादी चिंतक, विचारक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ किया गया यह सलूक एक अनकही दुखद कहानी है। इस षड़यंत्र में ही डॉ. श्यामा प्रसाद का प्राणांत श्रीनगर जेल में हो गया। आगरा में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी और जनरल परवेज मुशर्रफ के बीच हुई वार्ताओं में दोनों देशों के बीच अमन चैन एवं सहयोग बढ़ाने के साथ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भी रहा है। ऐसे में बरबस डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का पुण्य स्मरण हो जाता है जिन्होंने जम्मू कश्मीर के इस मर्म को पहले ही समझ लिया था और जीवन पर्यन्त जम्मू कश्मीर का भारत विलय एवं अखंडता के लिए संघर्ष किया। डॉ. मुखर्जी ने जम्मू कश्मीर की धरती पर जिस तरह अंतिम सांस ली वह उनकी अनन्य राष्ट्रभक्ति की गौरवगाथा का इतिहास बन चुकी है। डॉ. मुखर्जी का अवदान ऐतिहासिक है उन्होंने जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने के लिए जो संघर्ष किया। उसकी देन है कि हम अपने समग्र भूगोल को संजोए हुए हैं।

     छगन लोन्हारे, उप संचालक

     छगन लोन्हारे, उप संचालक

Previous Post

Chhattisgarh News : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया NFSU और NFSL का भूमिपूजन, 40 एकड़ जमीन पर बनेगा सर्वसुविधायुक्त आधुनिक भवन

Next Post

Amit Shah in Raipur: गृह मंत्री शाह की नक्सलियों को चेतावनी’हथियार डाल दो, नहीं तो बारिश में भी सोने नहीं देंगे’,

Next Post
Amit Shah in Raipur: गृह मंत्री शाह की नक्सलियों को चेतावनी’हथियार डाल दो, नहीं तो बारिश में भी सोने नहीं देंगे’,

Amit Shah in Raipur: गृह मंत्री शाह की नक्सलियों को चेतावनी’हथियार डाल दो, नहीं तो बारिश में भी सोने नहीं देंगे’,

विज्ञापन

विज्ञापन

Stay Connected test

  • 23.9k Followers
  • 99 Subscribers
  • Trending
  • Comments
  • Latest
लंदन में सेक्स वर्कर की कर दी थी हत्या, 30 साल बाद खुला राज; भारतीय को उम्रकैद की सजा…

लंदन में सेक्स वर्कर की कर दी थी हत्या, 30 साल बाद खुला राज; भारतीय को उम्रकैद की सजा…

February 21, 2024
“आप” ने कलेक्टर को सीएचएमओ सुरेश तिवारी के खिलाफ दिया शिकायत पत्र

“आप” ने कलेक्टर को सीएचएमओ सुरेश तिवारी के खिलाफ दिया शिकायत पत्र

July 10, 2024
‘गांधी महापुरुष तो मोदी…’ उपराष्ट्रपति धनखड़ ने बापू से की प्रधानमंत्री की तुलना; भड़के विपक्षी दल

‘गांधी महापुरुष तो मोदी…’ उपराष्ट्रपति धनखड़ ने बापू से की प्रधानमंत्री की तुलना; भड़के विपक्षी दल

December 14, 2023
बोहरडीह गांव में वर्षा जल संचयन और बारहमासी जल आपूर्ति को बढ़ाने के लिए एसीसी चिल्हाटी साइट पर अदाणी फाउंडेशन ने 7 तालाबों को जोड़ा

बोहरडीह गांव में वर्षा जल संचयन और बारहमासी जल आपूर्ति को बढ़ाने के लिए एसीसी चिल्हाटी साइट पर अदाणी फाउंडेशन ने 7 तालाबों को जोड़ा

June 11, 2024
रायपुर : ओड़िशा के पहले मुख्यमंत्री डॉ. हरकृष्ण महताब की जयंती में शामिल हुए राज्यपाल श्री हरिचंदन

रायपुर : ओड़िशा के पहले मुख्यमंत्री डॉ. हरकृष्ण महताब की जयंती में शामिल हुए राज्यपाल श्री हरिचंदन

0
रायपुर : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने कवर्धा जिले में मतगणना स्थल का किया निरीक्षण

रायपुर : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने कवर्धा जिले में मतगणना स्थल का किया निरीक्षण

0
रायपुर : सैनिक स्कूल अंबिकापुर में कक्षा 6वीं और 9वीं में प्रवेश हेतु ऑनलाईन आवेदन 16 दिसम्बर तक

रायपुर : सैनिक स्कूल अंबिकापुर में कक्षा 6वीं और 9वीं में प्रवेश हेतु ऑनलाईन आवेदन 16 दिसम्बर तक

0
रायपुर : राज्य दिवस पर भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ की संस्कृति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया

रायपुर : राज्य दिवस पर भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में छत्तीसगढ़ की संस्कृति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया

0
तेज रफ्तार बस ने ली बाइक सवार की जान, चालक और कंडक्टर मौके से फरार

तेज रफ्तार बस ने ली बाइक सवार की जान, चालक और कंडक्टर मौके से फरार

July 20, 2025
खेल युवाओं में साहस, शक्ति और दृढ़ संकल्प का विकास करते हैं : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

खेल युवाओं में साहस, शक्ति और दृढ़ संकल्प का विकास करते हैं : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

July 20, 2025
बेटे से मिलने ईडी दफ्तर पहुंचे भूपेश बघेल, बोले– बेवजह फंसाया जा रहा है चैतन्य को

बेटे से मिलने ईडी दफ्तर पहुंचे भूपेश बघेल, बोले– बेवजह फंसाया जा रहा है चैतन्य को

July 20, 2025
छात्रा से छेड़छाड़: हाईकोर्ट ने शिक्षक की याचिका की खारिज, 5 साल की सजा बरकरार

छात्रा से छेड़छाड़: हाईकोर्ट ने शिक्षक की याचिका की खारिज, 5 साल की सजा बरकरार

July 20, 2025

हमारे बारे में

यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

Disclaimer - समाचार से सम्बंधित किसी भी तरह के विवाद के लिए साइट के कुछ तत्वों में उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सामग्री ( समाचार / फोटो / विडियो आदि ) शामिल होगी स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक इस तरह के सामग्रियों के लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं स्वीकार करता है। न्यूज़ पोर्टल में प्रकाशित ऐसी सामग्री के लिए संवाददाता / खबर देने वाला स्वयं जिम्मेदार होगा, स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक की कोई भी जिम्मेदारी नहीं होगी. सभी विवादों का न्यायक्षेत्र रायपुर होगा

Follow Us

हमसे सम्पर्क करें

संपादक - Shivam Dahiya
मोबाइल - 9039382000
ईमेल - [email protected]
कार्यालय - Lal Bahadur Shastri Ward , Ward No 08 , Jagdalpur , Bastar CG
July 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
« Jun    
  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • MP Info RSS Feed

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.

No Result
View All Result

© 2025 JNews - Premium WordPress news & magazine theme by Jegtheme.